राजकुमारी शर्मा तन्खा मैं जीत लिखूँ, कि हार लिखूँ या दिल का पूरा हाल लिखूँ अपने सपनों का सार लिखूँ या सच की सारी बात लिखूँ उगते रवि का उल्लास लिखूँ या ढलते दिनकर का हाल लिखूँ पहले सावन की फुहार लिखूँ या नैनों की बरसात लिखूँ माँ की ममता और प्यार लिखूँ या पापा […]Read More